शुभांशु शुक्ला Biography: शिक्षा,करियर,जीवन और लोकप्रियता की कहानी आपको इस biography ब्लॉग में पढ़ने को मिलेगा। जाने कैसे एक Indian Air Force का पायलट से अंतरिक्ष यात्री के सफर और Axiom 4 मिशन का हिस्सा बनने और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले हिन्दुस्तानी होने की खिताब मिलने तक की पूरी कहानी सब कुछ पूरे रोचक जानकारी और विवरण के साथ।

जीवन परिचय:-
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 ऑक्टोबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिला में हुआ था। लखनऊ जिल, उत्तर प्रदेश के सिटी मोंटेसरी [cms ], अलीगंज campus से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। शंभू शुक्ला एवं आशा शुक्ला के सुपुत्र हैं, इनके माता-पिता ने [Axiom] मिशन लौंच का लाइव प्रसारण देखा। इनके स्कूल ने इस मौके पर ‘वयोमोत्सव’ नामक एक विशेष आयोजन किया ,जिसमे हजारों छात्रों के साथ-साथ इनके परिवार और शिक्षकों ने इस गौरवशाली क्षण को एक उत्सव की तरह मनाया। [cms] सिटी मोंटेसरी की स्थापना सन 1959 में हुई थी। दुनिया के सबसे बड़े स्कूलो में इसकी गिनती की जाती हैं।
उच्च शिक्षा उनका कहाँ से हुई ?
लगन और परिश्रम से उनका सिलेक्शन [nda एनडीए ] में हो गया।
आइए जानते हैं की [ nda] क्या हैं? एनडीए यानि नेशनल डिफेन्स एकेडमी। एनडीए [nda ] में सिलेक्शन के बाद उन्होंने सैन्य और तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके उपरांत उनकी प्रशिक्षण ने उन्हे भारतीय वायु सेना में फाइटर pilot के रूप में करियर बनाने में सहायक सिद्ध हुआ। हैदराबाद मे अपनी ट्रैनिंग पूरी करने के दौरान उनकी अनुशासन ने उन्हे और निखार दिया। इसके बाद उन्हे फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ। mig-21 और सुखोई-30 जैसे विमानों को उनके ट्रैनिंग के दौरान उड़ाना सिखाया गया। NDA भारत में Sashatraशुक्ला Biography: शिक्षा,करियर,जीवन और लोकप्रियता की कहानी आपको इस biography ब्लॉग में पढ़ने को मिलेगा। जाने कैसे एक Indian Air Force का पायलट से अंतरिक्ष यात्री के सफर और Axiom 4 मिशन का हिस्सा बनने और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले हिन्दुस्तानी होने की खिताब मिलने तक की पूरी कहानी सब कुछ पूरे रोचक जानकारी और विवरण के साथ।
isro [इसरो] का गगनयान प्रोग्राम
गगनयान मिशन के लिए इन्हे चुना गया गया था,इस प्रोग्राम के तहत इन्होंने बैंगलुरु मे ऐस्ट्रनॉट ट्रैनिंग फ़ैसिलिटी यानि इसरो के प्रोग्राम से प्रशिक्षण प्रदान किया। इस प्रोग्राम यानि प्रशिक्षण में उन्हे अंतरिक्ष यान संचालन ,माइक्रो ग्रैविटी तथा वैज्ञानिक प्रयोगों की प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा उन्हे कई तरह के और भी गगनयान मिशन से संबंधित ट्रेननिंग प्राप्त किया।

पहली बार कोई भारतीय नागरिक ISS की यात्रा पर:
राकेश शर्मा स्पेस में जाने वाले पहले भारतीय थे। अब दूसरी ओर शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष इतिहास में पहली भारतीय हैं, जो [iss] international space station की यात्रा कर रहे हैं। यह मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी [nasa ] के कनेडी स्पेस सेंटर,फ्लोरिडा से लॉन्च किया गया हैं।

[Axiom mission] 4 मिशन क्या हैं ?
- यह मिशन ये निजी अमेरिकी कम्पनी और ऐक्सीअम स्पेस का चौथा निजी अंतरिक्ष मिशन हैं।
- गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छार आंरीक्ष यात्रियों में से एक राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन [National Aeronautics and Space Administration :NASA] के सहयोगात्मक प्रयास के तहत अंतरिक्ष स्टेशन जाएगा।
- मिशन ल लक्ष्य :- फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अगस्त 2024 मे प्रक्षेपण करना तथा 14 दिनों की अवधि के लिए I.S.S से जुड़ना।
- मिशन के प्रगति के साथ विवरण बदल भी सकते हैं।

FAQs
Axiom Mission 4 – पूरी जानकारी हिंदी में (FAQ)
🔸 1. Axiom Mission 4 आखिर है क्या?
Axiom Mission 4, जिसे संक्षेप में Ax‑4 कहा जाता है, एक निजी अंतरिक्ष मिशन है। इसे अमेरिका की कंपनी Axiom Space ने SpaceX के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा। इसका मकसद है वैज्ञानिक प्रयोगों को अंतरिक्ष में करना और इंसानी स्पेस ट्रैवल को और बेहतर बनाना।
🔸 2. लॉन्च कब और कहां से हुआ?
Ax‑4 को 25 जून 2025 को भारत के समय अनुसार दोपहर 12:01 बजे अमेरिका के Kennedy Space Center से SpaceX के Falcon 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया।
🔸 3. कौन-कौन गए हैं इस मिशन में?
इस मिशन में चार अलग-अलग देशों के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:
पेगी व्हिटसन – अमेरिका से, मिशन की कमांडर
शुभांशु शुक्ला – भारत से, पायलट
स्लावोश उज्नान्स्की – पोलैंड से
टिबोर कपू (Tibor Kapu) – हंगरी से
🔸 4. शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं और ISRO के Gaganyaan मिशन से जुड़े हुए हैं। वो भारत के ऐसे पहले व्यक्ति बने जो किसी निजी मिशन से अंतरिक्ष में गए, और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय हैं।
🔸 5. ये मिशन कितने दिन चलेगा?
Ax‑4 का मिशन कुल 14 दिनों का है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री ज्यादातर समय ISS पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
🔸 6. अंतरिक्ष में ये लोग क्या कर रहे हैं?
इस मिशन के दौरान कई वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं, जैसे:
माइक्रोग्रैविटी में शरीर पर असर
डायबिटीज से जुड़ी रिसर्च
नई दवाओं और उपकरणों की जांच
ISRO के Gaganyaan मिशन के लिए डेटा इकट्ठा करना
🔸 7. भारत के लिए क्यों है ये मिशन खास?
ISRO को अनुभव और तकनीकी जानकारी मिलेगी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भागीदारी मजबूत होगी
नई पीढ़ी को प्रेरणा और रिसर्च की दिशा
🔸 8. क्या ये मिशन पहले कभी टला था?
हां, कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह मिशन तीन बार टल चुका था। आखिरकार, 25 जून 2025 को इसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
🔸 9. क्या इसमें कोई रिस्क था?
हर अंतरिक्ष मिशन में जोखिम होता है, लेकिन Ax‑4 को आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों की देखरेख में संचालित किया गया।
🔸 10. Ax‑4 का भविष्य पर क्या असर होगा?
निजी अंतरिक्ष यात्रा को बढ़ावा
स्वास्थ्य और दवा से जुड़े नए शोध
देशों के बीच बेहतर वैज्ञानिक सहयोग
✨ निष्कर्ष:
Axiom Mission 4 एक ऐतिहासिक कदम है, जिसमें भारत जैसी उभरती अंतरिक्ष शक्ति की भागीदारी गर्व की बात है। शुभांशु शुक्ला जैसे देशभक्तों ने भारत को अंतरिक्ष में एक नया मुकाम दिया है।